राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, सहारनपुर द्वारा बच्चों के लिये एक ई- पत्रिका

Thursday, December 27, 2012

राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, सहारनपुर द्वारा बच्चों के लिये 'तरुणोदय' नामक एक ई-पत्रिका का प्रकाशन

कामता राम  पाल
      पी0ई0एस0 
अर्ध शासकीय पत्र संख्या 
जिला परियोजना अधिकारी
उ0प्र0मा0शि0अभियान
जिला विद्यालय निरीक्षक
चकरौता रोड, सहारनपुर।
फो0 न0- 0132-2660056

प्रिय महोदय,

      आप अवगत ही हैं कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान सर्व सुलभ और गुणवत्तापरक माध्यमिक शिक्षा उपलब्ध कराने के क्षेत्र में बहुआयामी सरोकारों के साथ कार्यरत है। दरअसल, रमसा (राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान) का एक उद्देश्य ऐसी शिक्षा का विकास करना भी है जो बच्चों से व उसके पर्यावरण से जुड़ी हो तथा खेल  और अन्य सृजनात्मक गतिविधियों पर आधारित हो। अपने काम के दौरान हमने पाया है कि स्कूली प्रयास तब अधिक सार्थक हो सकतें हैं जब बच्चों को स्कूली समय के बाद, स्कूल से बाहर और घर में भी, रचनात्मक गतिविधियों के साधन और मार्गदर्शन उपलब्ध हों। कहना न होगा कि किताबें तथा पत्रिकायें इन साधनों का अहम हिस्सा हैं।

   ऐसे में बच्चों के सृजनात्मक विकास में पत्र-पत्रिकाओं की प्रभावी भूमिका को महसूस कर उ0प्र0मा0शि0 अभियान, सहारनपुर, माध्यमिक स्तर के बच्चों के लिये’ ’’तरुणोदय’’ नामक एक ई- पत्रिका का प्रकाशन करने जा रहा है, जिसे बाद में मुद्रित प्रारूप में भी प्रकाशित किये जाने की योजना है।

      उक्त ई-पत्रिका का अधिकांश हिस्सा बच्चों द्वारा ही सम्पादित किया जाना प्रस्तावित है, जिससे बच्चों में रचनात्मक अभिरूचि, नेतृत्व कौशल और अभिव्यक्ति क्षमता का विकास हो, साथ-ही-साथ साहित्य, कला और अन्य सामाजिक गतिविधियों के प्रति एक अन्तर्दृष्टि विकसित हो सके।

http://i.dailymail.co.uk/i/pix/2012/10/10/article-2215482-156D6E05000005DC-844_634x428.jpg 

      अतः आपसे अपेक्षा है कि अपने विद्यालय के ऐसे बच्चों का नाम प्रस्तावित करते हुये उन्हें प्रोत्साहित करने का कष्ट करें जो कलात्मक एवं रचनात्मक अभिरूचि सम्पन्न हों ताकि उन्हें ’’तरुणोदय’’ के सम्पादक मण्डल में सम्मिलत कर उक्त ई-पत्रिका का प्रकाशन प्रारम्भ किया जा सके।

      ’’तरुणोदय’’  के प्रकाशन का उद्देश्य बच्चों में नेतृत्व कौशल एवं रचनात्मक गतिविधियों का विकास, प्रतिस्पर्धी कार्य-कलापों के द्वारा प्रेरणा और प्रोत्साहन के साथ-साथ अध्यापकों में अध्यापकीय कौशल (
Pedagogical aspects ) के विकास का पहलू भी सम्मिलित है।

      पुनःश्च् आपसे यह भी अपेक्षा है कि आप अपने विद्यालय के ऐसे शिक्षक-शिक्षिका का नाम प्रस्तावित करने का कष्ट करें, जो पत्रिका के सम्पादन-प्रकाशन में सहयोग प्रदान करने के इच्छुक हों।

                                                                                              भवनिष्ठ


                                                                                                  (कामता पाल राम) 

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