राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, सहारनपुर द्वारा बच्चों के लिये एक ई- पत्रिका

Thursday, March 28, 2013


दादी माँ की कहानियों से



    एक जंगल में एक बाघ रहता थाउसका एक बच्चा भी थादोनों एक साथ रहते थेबाघ दिन में शिकार करने जंगल में चला जाता थापर बच्चा अपनी मांद  के आस पास ही रहता थाउस जंगल में एक गाय भी रहती थीउस का भी एक बछड़ा थागाय भी दिन में  चरने चली जाती थी|बछड़ा आस पास ही रहता थाएक दिन गाय के बछड़े को बाघ का बच्चा दिखाई दियावह डर गया और छुप गयाशाम  को जब उसकी माँ आई तो वह बाहर आया अपनी माँ का दूध पी कर बछड़ा खेलने लगा|उसे माँ का आसरा  मिल गया| अगले दिन फिर से गाय और बाघ जंगल की ओर चले गए, दोनों के बच्चे अपनी अपनी 
जगह खेलने लगे| बाघ के बच्चे की नजर गाय के बछड़े पर पड़ गई| वह उसकी ओर दोस्ती के लिए बढा |गाय का बछड़ा पहले तो डर गया, पर बाघ के बच्चे के कहने पर वह रुक गया| बाघ के बच्चे ने गाय के बछड़े को कहा कि हम दोस्ती कर लेते हैंगाय के बछड़े ने जवाब दिया कि तुम लोग मांसाहारी   हो हम लोग शाकाहारी  है तो हम में दोस्ती कैसी? बाघ के बच्चे ने कहा कि हम लोग मांसाहारी जरुर हैं, पर तेरी मेरी दोस्ती पक्की | जब मेरे पिता और तुम्हारी माता जंगल को चले जाते हैं, तब हम आपस मे खेल लिया करेंगे |यह सुन कर गाय के बच्चे को सुकून  मिला और उसने आगे आ कर बाघ के बच्चे को गले से लगा लिया| दोनों ने     कसमें खाई, कि कुछ भी हो हम अपनी दोस्ती नहीं तोड़ेंगे, चाहे इसके लिए हमे अपनी माता और पिता से ही क्यों न लड़ना पड़ेगाय और बाघ में  तो पहले से ही दुश्मनी थी, इस बात को बच्चे जानते थे| गाय रोज़ अपने बछड़े के लिए दूध निकाल कर रख जाती थी| एक दिन गाय ने अपने बछड़े से कहा कि  जिस दिन  कभी मेरे  इस दूध का रंग लाल हो गया, उस दिन समझना कि  तुम्हारी माँ को किसी बाघ ने खा लिया है| गाय के बच्चे ने अपनी माँ से कहा ऐसा कभी नहीं  होगा| अगले दिन वह कुछ उदास जैसा था, तो बाघ के बच्चे ने उससे  कारण   पूछा तो गाय के बछड़े ने  अपनी माँ द्वारा कहे शब्द उसको बता दिए| बाघ के बच्चे ने कहा, ऐसा कभी भी नहीं होगा| और दोनों खेलने लग गए|                  एक दिन बाघ की नज़र गाय पर पड़ गई और उसने गाय को मारने की सोच ली | गाय रोज़ उस से बच कर निकल जाती थी | एक दिन बाघ गाय के रास्ते को घेर कर बैठ गया और जब गाय नजदीक आई तो उसपर हमला बोल दिया, बाघ ने गाय को मार कर खा लिया| उधर जब गाय का बछड़ा दूध पीने को गया, तो उसने  देखा  कि दूध लाल हो गया है तो वह समझ गया कि  बाघ ने मेरी माँ को मार दिया है | वह बाघ के बच्चे के पास गया और उसे सारी बात बताई कि उसके पिता ने आज मेरी  माँ को मार दिया है| क्यों कि दूध का रंग लाल हो गया है| बाघ के बच्चे ने कहा अगर मेरे पिता जी ने तेरी माँ को मारा होगा तो मेरे पिता भी जिन्दा नहीं बचेंगे| शाम  को जब गाय वापस  नहीं आई और बाघ वापस  आ गया तो पता चल गया कि गाय को बाघ ने मार खाया है| बाघ के बच्चे ने भी अपने पिता को मारने की सोच लीबाघ के बच्चे ने गाय के बछड़े को कहा कि मेरे पिता ने तेरी माँ को मार खाया है, अब तू छुप के देखना मैं कैसे अपने पिता को मारता हूँ| यह कह कर बाघ का बच्चा अपने पिता जी के पास गया और उसको कहा कि वह एक ऊँची जगह पर बैठ जायमैं  दूर से आ कर उसे  छूउगा | ऐसा कहते हुए उसने अपने पिता को एक टीले पर बैठा दिया और दूर से आ कर बाघ को धक्का दे दिया| बाघ काफी दूर जा गिरा और उसकी मौत हो गई| इस तरह बाघ के बच्चे ने अपनी दोस्ती का फ़र्ज़ अदा किया और दोनों की दोस्ती हमेशा  के लिए अटल रही|













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